जरूरत नहीं है
बैंक के कॉल सेंटर्स से हमारे क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के लिए बिना नागा दिन में चार बार आने वाली कॉल्स से परेशान होकर एक दिन हमने ग़ुस्से में कहा: मैडम , आप लोग दिन में चार बार कॉल करते हो , और हर बार मैं बताती हूँ कि मुझे लिमिट बढ़ाने की बिल्कुल भी ज़रूरत नहीं है , फिर आप लोग बार बार कॉल क्यों करते हैं? जवाब मिला: मैडम, आप मना कर देते हैं तो आपका नंबर दोबारा डाटा बेस में आ जाता है, और आपको कॉल आ जाती है. मैं: मैं बार बार बताती हूँ, मुझे लिमिट नहीं बढ़वानी, मुझे कॉल न करें. आप मेरी रिक्वेस्ट मान कर मुझे कॉल करना बंद क्यों नहीं कर देते ? जवाब: मैडम , माफ़ी चाहूँगी , हमारे पास ये आपकी ये रिक्वेस्ट मानने का ऑप्शन नहीं है. मैं: फिर मुझे क्या करना होगा ? जवाब: आपको हमारे कॉल सेंटर में कॉल करके या बैंक से रिक्वेस्ट करनी होगी कि आपको लिमिट बढ़ाने की ज़रूरत नहीं है! वाह! क्या अनोखी प्रॉब्लम है हमारी! इसी बात पर बचपन में पढ़ा हुआ इब्न-ए-इंशा का लेख “ ज़रूरत नहीं है ” याद आ गया. इंशा साहब की तर्ज़ पर आज ज़रूरत इस बात की ...